भारत सरकार का उद्देश्य सदैव यह रहा है कि हिंदी भाषा को बढ़ावा दिया जाए और इसे ज्ञान-विज्ञान, तकनीकी, विधि और अन्य विषयों में भी सशक्त रूप से प्रयोग किया जा सके। इसी दिशा में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसका नाम है – राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना (Rajbhasha Gaurav Puraskar Scheme)।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि भारतीय नागरिकों को हिंदी में मौलिक पुस्तकें लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार और अधिक हो सके और सरकारी कामकाज में तकनीकी व वैज्ञानिक शब्दावली की कमी को पूरा किया जा सके।
आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना क्या है, इसका उद्देश्य, पात्रता, पुरस्कार राशि, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी क्या है।
राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना क्या है?
राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना गृह मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा शुरू की गई है। इसके तहत उन लेखकों को सम्मानित किया जाता है जो हिंदी में मौलिक (Original) पुस्तकें लिखते हैं। यह योजना विज्ञान, प्रौद्योगिकी, फॉरेंसिक साइंस, पुलिस प्रशासन, संस्कृति, कला, धर्म, विरासत और विधि जैसे क्षेत्रों में हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जाती है।
इस योजना के अंतर्गत विजेताओं को नकद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाते हैं।
योजना का उद्देश्य
इस योजना को लागू करने के पीछे सरकार के दो प्रमुख उद्देश्य हैं –
(A) हिंदी में तकनीकी पुस्तकों की कमी को पूरा करना
भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कार्य करते समय कर्मचारियों को तकनीकी विषयों पर हिंदी शब्दावली की कमी का सामना करना पड़ता है। इंजीनियरिंग, मेडिकल, कानून, फॉरेंसिक साइंस आदि विषयों की किताबें अधिकतर अंग्रेजी में उपलब्ध होती हैं। ऐसे में हिंदी भाषा में मौलिक पुस्तकों का लेखन सरकारी कार्यों को सरल और सुलभ बनाने के लिए आवश्यक है।
(B) पुरस्कार योजनाओं का एकीकरण
पूर्व में कई मंत्रालय/विभाग हिंदी से संबंधित अलग-अलग पुरस्कार योजनाएँ चलाते थे। अब इन योजनाओं का एकीकरण कर दिया गया है और राजभाषा विभाग को ही इस संबंध में नोडल विभाग बनाया गया है।
पुरस्कार की श्रेणियाँ और पुरस्कार राशि
राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना के अंतर्गत अलग-अलग विषयों में हिंदी पुस्तकों के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। आइए विस्तार से देखें –
1. ज्ञान और विज्ञान आधारित विषयों पर मौलिक पुस्तक
- प्रथम पुरस्कार: ₹2,00,000 + प्रमाण पत्र + स्मृति चिन्ह
- द्वितीय पुरस्कार: ₹1,25,000 + प्रमाण पत्र + स्मृति चिन्ह
- तृतीय पुरस्कार: ₹75,000 + प्रमाण पत्र + स्मृति चिन्ह
2. फॉरेंसिक साइंस, पुलिस, अपराध विज्ञान और पुलिस प्रशासन
- प्रथम पुरस्कार: ₹1,50,000 + प्रमाण पत्र + स्मृति चिन्ह
- द्वितीय पुरस्कार: ₹1,00,000 + प्रमाण पत्र + स्मृति चिन्ह
3. संस्कृति, धर्म, कला और विरासत
- प्रथम पुरस्कार: ₹1,50,000 + प्रमाण पत्र + स्मृति चिन्ह
- द्वितीय पुरस्कार: ₹1,00,000 + प्रमाण पत्र + स्मृति चिन्ह
4. विधि (Law) के क्षेत्र में मौलिक पुस्तक
- प्रथम पुरस्कार: ₹1,50,000 + प्रमाण पत्र + स्मृति चिन्ह
- द्वितीय पुरस्कार: ₹1,00,000 + प्रमाण पत्र + स्मृति चिन्ह
👉 विशेष बात यह है कि पुरस्कार प्राप्त लेखक/प्रकाशक अपनी पुस्तक का कॉपीराइट स्वयं अपने पास रख सकेंगे।
योजना की विशेषताएँ और अतिरिक्त लाभ
- पुरस्कार विजेताओं को नकद धनराशि के साथ-साथ प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा।
- विजेताओं को द्वितीय श्रेणी एसी रेल किराया (2nd AC Fare) और दैनिक भत्ता भी दिया जाएगा।
- पुस्तक का कॉपीराइट लेखक या प्रकाशक के पास ही रहेगा।
- यदि पुस्तक सह-लेखक (Co-Author) द्वारा लिखी गई है, तो पुरस्कार राशि सभी में समान रूप से बांटी जाएगी।
पात्रता मानदंड
- लेखक/सह-लेखक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- पुस्तक हिंदी में मौलिक रचना होनी चाहिए (अनुवादित पुस्तकें मान्य नहीं होंगी)।
- पुस्तक कम से कम 100 पृष्ठों की होनी चाहिए और उस पर ISBN नंबर होना अनिवार्य है।
- पुस्तक को 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच प्रकाशित होना चाहिए।
- शोध प्रबंध (Ph.D. Thesis), कविता, उपन्यास, कहानी, नाटक या पाठ्यपुस्तक (Textbook) इस योजना में मान्य नहीं होंगे।
- पुस्तक में विषय संबंधी विश्लेषण और प्रमाणिक संदर्भ होना आवश्यक है।
- यदि किसी लेखक को पिछले तीन वर्षों में राजभाषा विभाग की किसी अन्य योजना के अंतर्गत पुरस्कार मिला है, तो वह इस योजना में भाग नहीं ले सकता।
आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना के लिए आवेदन ऑफलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।
आवेदन के चरण –
- सबसे पहले आवेदक को राजभाषा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन प्रपत्र (Proforma) डाउनलोड करना होगा।
- प्रपत्र को सही-सही जानकारी के साथ भरें।
- आवेदन के साथ पुस्तक की तीन प्रतियाँ (Copies) अनिवार्य रूप से संलग्न करनी होंगी।
- प्रत्येक लेखक केवल एक ही पुस्तक को पुरस्कार हेतु भेज सकता है।
- आवेदन प्रपत्र और पुस्तक की प्रतियाँ निर्धारित समय सीमा से पहले राजभाषा विभाग को भेजनी होंगी।
👉 ध्यान रहे कि भेजी गई पुस्तकों की प्रतियाँ वापस नहीं की जाएंगी।
पुस्तकों का मूल्यांकन (Evaluation Process)
- पुस्तकों का मूल्यांकन राजभाषा विभाग द्वारा गठित समिति करती है।
- इस समिति की अध्यक्षता संयुक्त सचिव (Joint Secretary) करेंगे।
- समिति में विषय विशेषज्ञ और प्रख्यात विद्वान भी शामिल किए जा सकते हैं।
- यदि समिति को लगता है कि कोई भी पुस्तक पुरस्कार योग्य नहीं है तो वह पुरस्कार न देने का निर्णय ले सकती है।
- निर्णय बहुमत से लिया जाएगा और अंतिम निर्णय राजभाषा विभाग का होगा।
पुरस्कार वितरण प्रक्रिया
- चयनित पुस्तकों के लेखकों को ईमेल/पत्र के माध्यम से सूचना दी जाएगी।
- परिणाम राजभाषा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी प्रकाशित किए जाएंगे।
- पुरस्कार वितरण एक निश्चित तिथि पर होगा, जिसका आयोजन गृह मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज
- पहचान पत्र (Aadhaar, Voter ID, Passport आदि)
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- मौलिक पुस्तक (3 प्रतियाँ)
- आवेदन प्रपत्र
- अन्य आवश्यक दस्तावेज (यदि मांगे जाएँ)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: इस योजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: हिंदी में मौलिक पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करना और तकनीकी, वैज्ञानिक व विधिक विषयों में हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना।
प्रश्न 2: पुरस्कार किन-किन श्रेणियों में दिए जाते हैं?
उत्तर:
- ज्ञान और विज्ञान आधारित विषय
- फॉरेंसिक साइंस, पुलिस, अपराध विज्ञान व पुलिस प्रशासन
- संस्कृति, धर्म, कला और विरासत
- विधि (Law)
प्रश्न 3: क्या विजेताओं को यात्रा भत्ता भी मिलेगा?
उत्तर: हाँ, विजेताओं को 2nd AC किराया और दैनिक भत्ता मिलेगा, लेकिन रहने की व्यवस्था उन्हें स्वयं करनी होगी।
प्रश्न 4: क्या अनुवादित पुस्तकें इस योजना में मान्य हैं?
उत्तर: नहीं, केवल मौलिक (Original) हिंदी पुस्तकें ही मान्य हैं।
निष्कर्ष
राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना 2025 हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में भारत सरकार का एक अत्यंत सराहनीय कदम है। यह योजना न केवल हिंदी लेखकों को प्रोत्साहन देती है बल्कि विज्ञान, तकनीक, संस्कृति और विधि जैसे गंभीर विषयों पर हिंदी में साहित्य उपलब्ध कराने में भी सहायक होगी।
यदि आप एक लेखक हैं और हिंदी भाषा में मौलिक पुस्तक लिखी है, तो यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। इस योजना के माध्यम से आप न केवल आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान भी बना सकते हैं।
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