“राष्ट्रीय मछुआरा कल्याण योजना 2025: पाएँ ₹75,000 आवास सहायता और ₹50,000 बीमा लाभ”

राष्ट्रीय मछुआरा कल्याण योजना 2025 के तहत आवास, बीमा और सामुदायिक भवन की सुविधा लेते मछुआरे

प्रस्तावना 🌊

भारत का समुद्र तट बहुत लंबा है और लाखों मछुआरे समुद्र, नदियों और झीलों पर अपनी आजीविका के लिए निर्भर हैं। मछली पकड़ना केवल एक पेशा नहीं है बल्कि तटीय और आंतरिक क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों का जीवन-धन है। लेकिन, मछुआरों को अक्सर आवास, सुरक्षित पानी, वित्तीय असुरक्षा और बेरोजगारी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मछुआरा कल्याण योजना (National Scheme of Welfare of Fishermen – NSWF) शुरू की है। इस योजना के तहत मछुआरों को आवास निर्माण, सामुदायिक भवन, स्वच्छ पेयजल, दुर्घटना बीमा और बचत-सह-राहत जैसी सुविधाएँ दी जाती हैं।

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योजना के उद्देश्य 🎯

राष्ट्रीय मछुआरा कल्याण योजना का मुख्य उद्देश्य मछुआरों और उनके परिवारों का जीवनस्तर सुधारना है। इसके अंतर्गत कुछ प्रमुख लक्ष्य हैं:

  • 🏠 मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना – आवास, सामुदायिक भवन और पीने का पानी।
  • 💰 वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना – कठिन महीनों में आर्थिक सहायता।
  • 👨‍👩‍👧 सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना – समूह बीमा से मछुआरों के परिवार सुरक्षित।
  • 📈 जीवन स्तर में सुधार करना – आधुनिक और सुरक्षित जीवनशैली।
  • 🎓 तकनीकी शिक्षा व प्रशिक्षण – वैज्ञानिक तरीकों से मछली पालन व पकड़ना सीखना।

योजना के लाभ और विशेषताएँ 🏆

यह योजना मछुआरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई सुविधाएँ उपलब्ध कराती है। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं।

1. आवास सुविधा 🏡

  • मछुआरों को नए घर बनाने की सुविधा दी जाती है।
  • किसी गाँव में कितने घर बनेंगे यह वहाँ के मछुआरों की संख्या पर निर्भर करेगा।
  • प्रत्येक घर का क्षेत्रफल 35 वर्ग मीटर और निर्माण लागत अधिकतम ₹75,000 होगी।
  • राज्यों की जिम्मेदारी है कि सभी पात्र मछुआरों को बराबर आवास सुविधा मिले।

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2. सामुदायिक भवन का निर्माण 🏛️

  • यदि किसी गाँव में 75 से अधिक मछुआरों के घर हैं, तो वहाँ एक सामुदायिक भवन बनाया जाएगा।
  • भवन का क्षेत्रफल 200 वर्ग मीटर होगा और इसमें दो शौचालय व एक ट्यूबवेल होगा।
  • निर्माण लागत अधिकतम ₹2 लाख होगी।
  • मछुआरे इस भवन का उपयोग जाल मरम्मत, सुखाने और सामुदायिक गतिविधियों के लिए कर सकते हैं।

3. स्वच्छ पेयजल की सुविधा 💧

  • हर 20 घरों पर एक ट्यूबवेल लगाया जाएगा।
  • यदि ट्यूबवेल लगाना संभव न हो, तो वैकल्पिक पेयजल सुविधा दी जाएगी।
  • इस प्रकार मछुआरों को शुद्ध पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

4. समूह दुर्घटना बीमा 🛡️

यह योजना सक्रिय मछुआरों को बीमा सुविधा भी प्रदान करती है।

  • मृत्यु या स्थायी पूर्ण विकलांगता पर ₹50,000 का बीमा।
  • आंशिक विकलांगता पर ₹25,000 की सहायता।
  • बीमा अवधि 12 महीने की होगी।
  • प्रीमियम राशि ₹15 प्रति मछुआरा
  • प्रीमियम में योगदान:
    • केंद्र सरकार – 50%
    • राज्य सरकार – 50%
    • केंद्र शासित प्रदेशों में – 100% केंद्र सरकार द्वारा भुगतान

👉 बीमा का प्रबंधन FISHCOPFED (राष्ट्रीय मछुआरा सहकारी संघ) द्वारा किया जाता है।


5. बचत-सह-राहत योजना 💵

क्योंकि मछली पकड़ने का काम मौसमी होता है, इसलिए मछुआरों को कई बार कठिन महीनों में आय नहीं मिलती। ऐसे समय में यह योजना सहारा देती है।

  • मछुआरा ₹75 प्रति माह (कुल ₹600, 8 महीने) जमा करेगा।
  • राज्य व केंद्र सरकार दोनों ₹600-₹600 (50:50 अनुपात) मिलाएँगे।
  • यदि कोई मछुआरा जमा नहीं कर पाता, तो उसकी राशि 4 माह बाद ब्याज सहित लौटा दी जाएगी।
  • कठिन महीनों का निर्धारण FISHCOPFED करेगा।

पात्रता मानदंड ✅

इस योजना के लिए आंतरिक (Inland) मछुआरे और समुद्री (Marine) मछुआरे अलग-अलग पात्रता शर्तों के अंतर्गत आते हैं।

1. आंतरिक मछुआरे 🐟

  • तटीय या आंतरिक क्षेत्रों में रहने वाले मछुआरे।
  • राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से वैध लाइसेंसधारी होना आवश्यक।
  • आयु 60 वर्ष से कम
  • बीपीएल (BPL) श्रेणी के अंतर्गत होना चाहिए।
  • पूर्णकालिक मछली पकड़ने का कार्य करना चाहिए।

2. समुद्री मछुआरे ⚓

  • राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से लाइसेंसधारी होना आवश्यक।
  • पूर्णकालिक समुद्री मछली पकड़ने का कार्य करना चाहिए।
  • मछुआरा कल्याण समिति/संघ/सहकारी समिति का सदस्य होना चाहिए।
  • केवल FISHCOPFED से जुड़े मछुआरे ही बीमा लाभ ले सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया 📝

इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की है। आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन है।

चरण 1: FISHCOPFED कार्यालय जाएँ 🏢

पात्र मछुआरे को नज़दीकी FISHCOPFED कार्यालय में जाना होगा।

चरण 2: योगदान राशि जमा करें 💰

मछुआरा संघ का अध्यक्ष/सचिव योगदान राशि एकत्रित कर निर्धारित राष्ट्रीयकृत बैंक खाते में जमा करेगा।

चरण 3: सरकार का योगदान 🔄

राज्य और केंद्र सरकार, मछुआरे की जमा राशि में अपना-अपना योगदान जोड़ेंगी।

चरण 4: राशि वापसी व ब्याज 📤

योजना की परिपक्वता पर मछुआरे को जमा राशि व ब्याज लौटा दिया जाएगा।


आवश्यक दस्तावेज 📑

  • आवेदन पत्र (निर्धारित प्रारूप में)
  • आवेदक व जीवनसाथी का फोटो (यदि विवाहित हों)
  • नाव/पोत पंजीकरण प्रमाणपत्र
  • जाल लाइसेंस भुगतान रसीद
  • पेशा व निवास प्रमाणपत्र
  • राशन कार्ड की प्रति
  • आय प्रमाणपत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ❓

1. क्या मछुआरे परिवार के सदस्य अन्य आय गतिविधियों में शामिल हों तो लाभ मिलेगा?

❌ नहीं, यदि मछुआरा या उसका परिवार अन्य आय गतिविधियों में लगा है, तो वह इस योजना का लाभ नहीं ले सकता।

2. 10 से अधिक लेकिन 20 से कम घरों वाले गाँव में कितने ट्यूबवेल मिलेंगे?

✅ ऐसे गाँव को एक ट्यूबवेल मिलेगा।

3. क्या यह योजना सभी राज्यों में लागू है?

हाँ, यह योजना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है।


निष्कर्ष 🌟

राष्ट्रीय मछुआरा कल्याण योजना 2025 मछुआरों के लिए एक वरदान है। इसके अंतर्गत उन्हें ₹75,000 तक आवास निर्माण सहायता, ₹2 लाख तक सामुदायिक भवन, ₹50,000 तक बीमा सुरक्षा, स्वच्छ पेयजल व बचत-सह-राहत जैसी सुविधाएँ मिलती हैं।

यह योजना केवल वित्तीय सहायता ही नहीं बल्कि सुरक्षा, सम्मान और बेहतर जीवन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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