भारत सरकार लगातार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए काम कर रही है। इसी दिशा में मार्च 2019 में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना शुरू की गई।
👉 इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सोलर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्र उपलब्ध कराकर खेती को डीज़ल मुक्त बनाना है।
पीएम-कुसुम योजना क्या है? 🤔🌱
PM-KUSUM योजना को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने शुरू किया है। इसके तहत किसानों को सोलर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर 60% तक सब्सिडी दी जाती है। साथ ही, 30% लागत पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है।
किसान को केवल 10% राशि खुद वहन करनी होती है।
👉 इससे किसान न सिर्फ मुफ्त सिंचाई कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली सरकार को बेचकर आय भी कमा सकते हैं।
पीएम-कुसुम योजना के उद्देश्य 🎯🌾
- किसानों को आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल तकनीक से जोड़ना ✅
- डीजल पंप की जगह सोलर पंप लगाना ✅
- किसानों की आय में वृद्धि करना ✅
- खेती को पर्यावरण के अनुकूल और प्रदूषण मुक्त बनाना ✅
- बंजर और अनुपयोगी भूमि का सही उपयोग करना ✅
👉 इस योजना से खेती अधिक किफायती, सुरक्षित और टिकाऊ बन रही है।
पीएम-कुसुम योजना के तीन घटक ⚡🔋
PM-KUSUM योजना को 3 हिस्सों (Components) में बांटा गया है:
1. Component A – ग्रिड से जुड़े सोलर पावर प्लांट्स ☀️⚡
- 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाते हैं।
- यह संयंत्र बंजर भूमि या अनुपयोगी कृषि भूमि पर स्थापित किए जा सकते हैं।
- किसान खेती जारी रख सकते हैं क्योंकि पैनल ऊँचाई पर (stilt mounted) लगाए जाते हैं।
- बनी बिजली डिस्कॉम (DISCOM) को बेची जाएगी।
2. Component B – स्टैंडअलोन सोलर पंप 🌞🚿
- किसानों को 7.5 HP तक के स्टैंडअलोन सोलर पंप लगाने की सुविधा।
- डीजल पंप की जगह सोलर पंप से सिंचाई।
- इससे बिजली और डीजल का खर्च बचेगा।
3. Component C – ग्रिड से जुड़े पंप का सोलरीकरण 🔌💧
- मौजूदा ग्रिड कनेक्टेड पंपों को सोलर सिस्टम से जोड़ा जाएगा।
- किसान सिंचाई के लिए बिजली का उपयोग करेंगे।
- अतिरिक्त बिजली सीधे DISCOM को बेच सकते हैं।
पीएम-कुसुम योजना के फायदे 🙌💡
- किसानों को 60% सब्सिडी + 30% लोन + केवल 10% लागत वहन करनी होगी।
- किसानों को 24 घंटे मुफ्त सिंचाई की सुविधा।
- अतिरिक्त बिजली बेचकर अतिरिक्त आय।
- खेती में डीजल और बिजली खर्च में बचत।
- 28,250 मेगावाट तक बिजली उत्पादन की क्षमता।
- 25 साल तक स्थिर आय (भूमि पट्टे पर देकर भी)।
- खेती के साथ-साथ सोलर पैनल नीचे फसल उत्पादन भी संभव।
- पर्यावरण अनुकूल खेती, कार्बन उत्सर्जन में कमी।
👉 यही वजह है कि यह योजना किसानों के लिए दोहरा लाभ लेकर आई है – मुफ्त सिंचाई + अतिरिक्त आय।
पीएम-कुसुम योजना के लिए पात्रता 👨🌾✅
- व्यक्तिगत किसान
- किसान समूह
- FPO (Farmer Producer Organisation)
- पंचायत
- सहकारी समितियाँ
- Water User Association (WUA)
आवेदन प्रक्रिया (ऑनलाइन) 🖥️📱
👉 किसान ऑनलाइन आवेदन करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
आवेदन के स्टेप्स:
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएं और रजिस्ट्रेशन सेक्शन पर क्लिक करें।
- मांगी गई सभी जानकारी भरें।
- डिक्लेरेशन पर टिक करें और “Submit” करें।
- फिर Login करके फॉर्म भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट करें।
- किसान को कुल लागत का 10% भुगतान करना होगा।
- सब्सिडी स्वीकृत होने के बाद पंप सक्रिय कर दिया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज 📑🖊️
- आधार कार्ड
- भूमि दस्तावेज (खसरा-खतौनी)
- बैंक पासबुक
- घोषणा पत्र
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) ❓🤓
1. पीएम-कुसुम योजना के कितने घटक हैं?
👉 इसमें 3 घटक (A, B, C) हैं।
2. Component A क्या है?
👉 इसमें किसान 500 KW से 2 MW तक सोलर पावर प्लांट स्थापित कर सकते हैं।
3. बनी बिजली कौन खरीदेगा?
👉 बिजली स्थानीय DISCOM खरीदेगी।
4. क्या किसान जमीन लीज पर दे सकते हैं?
👉 हाँ, किसान अपनी जमीन पर खुद प्लांट लगाकर या डेवलपर को किराये पर देकर आय कमा सकते हैं।
5. Component B क्या है?
👉 डीजल पंप को बदलकर स्टैंडअलोन सोलर पंप (7.5 HP तक) लगाना।
6. Component C क्या है?
👉 मौजूदा ग्रिड से जुड़े पंपों का सोलरीकरण करना।
7. सब्सिडी कितनी मिलेगी?
👉
- सामान्य राज्यों में – 30% केंद्र + 30% राज्य + किसान 40%
- पहाड़ी राज्यों/उत्तरी-पूर्वी राज्यों में – 50% केंद्र + 30% राज्य + किसान 20%
योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी 📌ℹ️
- अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें: mnre.gov.in
- हेल्पलाइन नंबर: 1800-180-3333 (टोल-फ्री)
निष्कर्ष ✍️🌻
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना किसानों को सशक्त बनाने वाली क्रांतिकारी योजना है।
👉 इससे किसान सस्ती सिंचाई, अतिरिक्त आय और पर्यावरण की रक्षा – तीनों लाभ पा रहे हैं।
👉 सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में देश की खेती पूरी तरह सौर ऊर्जा आधारित हो सके।
🌞 अब किसान डीजल और बिजली के खर्च से मुक्त होकर, मुफ्त सिंचाई और अतिरिक्त आमदनी दोनों का लाभ उठा सकते हैं।
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