🍏भाऊसाहेब फुंडकर फलबाग लगवड योजना

सस्टेनेबल फलों का ओर्चर्ड – युवा आम, अमरूद व अनार के पेड़

🎯योजना का उद्देश्य

भाऊसाहेब फुंडकर फलबाग लगवड योजना की शुरुआत खरीफ 2018-19 में महाराष्ट्र कृषि विभाग द्वारा की गई थी। इसका मुख्य लक्ष्य दीर्घकालीन फलवृक्षों की खेती बढ़ाकर किसानों की आय में विविधता लाना, कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाना और आधुनिक बागवानी प्रथाओं को बढ़ावा देना है। सीधे लाभांतरण (DBT) के जरिये अग्रिम सब्सिडी प्रदान करने से स्थापनात्मक लागत कम होती है और छोटे व सीमांत किसान भी उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर आकर्षित होते हैं।

⏳सहायता वितरण और मापदंड

इस योजना के तहत सब्सिडी तीन वर्षों में तीन किस्तों में दी जाती है, जिससे पौधों की सही देखभाल और उत्तरदायित्व सुनिश्चित होता है:

  • वर्ष 1: रोपण व प्रारंभिक सत्यापन पर 40% सब्सिडी
  • वर्ष 2: 12 माह पश्चात् कम से कम 80% जीवित पौधों पर 30% सब्सिडी
  • वर्ष 3: 24 माह पश्चात् कम से कम 90% जीवित पौधों पर शेष 30%

यदि पहले वर्ष में 20% से अधिक या दूसरे वर्ष में 10% से अधिक पौधे नष्ट हो जाएं, तो बाद की किस्तें अनुपातिक रूप से घट सकती हैं।

🌱पात्र फसलें एवं भूमि सीमा

इस योजना में 16 दीर्घकालीन फलफसलों को कवर किया गया है, जिनमें आम, अमरूद, अनार, नारियल, काजू, चीकू, सीताफल, संत्रा, मुसम्मी, जामुन, कोकम, कटहल, फिग, आंवला, इमली और कागजी नींबू शामिल हैं।

भूमि सीमा इस प्रकार निर्धारित है:

  • कोकण डिवीजन: न्यूनतम 0.10 हेक्टेयर, अधिकतम 10 हेक्टेयर
  • महाराष्ट्र के अन्य हिस्से: न्यूनतम 0.20 हेक्टेयर, अधिकतम 6 हेक्टेयर

किसान अपनी कुल स्वीकृत भूमि पर इन फसलों का मिश्रण भी कर सकते हैं।

💰सब्सिडी दरें एवं उपयोग

प्रत्येक फसल के लिए सब्सिडी दरें अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए, आम के लिए दर 67,005–129,306 ₹/हेक्टेयर तथा अनार के लिए 120,777 ₹/हेक्टेयर तक हो सकती है। कुल सब्सिडी राशि की गणना आपकी रोपाई क्षेत्रफल और चयनित फसलों के अनुपात में की जाती है।

सब्सिडी का उपयोग इन गतिविधियों में किया जा सकता है:

  • गड्ढा खोदना और मिट्टी संवर्धन
  • प्रमाणित पौधे या गर्ट की खरीद व रोपण
  • रासायनिक एवं जैविक उर्वरकों का छिड़काव
  • कीट एवं रोग नियंत्रण
  • मृत पौधों की जगह नए पौधों की रोपाई (सर्वाइववल नियमों तक)

सभी खरीद के चालान और खेत के रिकार्ड सुरक्षित रखने अनिवार्य हैं।

📐अनुशंसित रोपाई दूरी

सही दूरी से रोपाई करने पर पौधों को पर्याप्त धूप व वायु मिलती है और रोग-व्याधि कम होती है। कुछ प्रमुख दूरी इस प्रकार हैं:

  • आम: 10 × 10 मीटर
  • अमरूद: 3 × 2 मीटर या 6 × 6 मीटर
  • अनार: 4.5 × 3 मीटर
  • संत्रा/मुसम्मी: 6 × 6 मीटर या 6 × 3 मीटर
  • चीकू: 10 × 10 मीटर

अन्य फसलों के लिए भी स्थानीय बागवानी विशेषज्ञों की सलाह लें।

✅पात्रता एवं आवश्यक दस्तावेज़

पात्रता

  • महाराष्ट्र का स्थाई निवासी
  • आधार कार्ड जो बैंक खाते से लिंक हो
  • वैध 7/12 एवं 8-A जमीन के कागजात

दस्तावेज़

  1. आधार कार्ड की प्रति
  2. 7/12 खतौनी
  3. 8-A जमीन प्रमाणपत्र
  4. जाति प्रमाणपत्र (SC/ST)
  5. स्वघोषणा पत्र
  6. उपकरण व इनपुट खरीद के चालान

सभी दस्तावेज़ साफ-ठीक से स्कैन कर पोर्टल के आकार मानकों के अनुरूप अपलोड करें।

🖥️ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

  1. सबसे पहले Aaple Sarkar DBT पोर्टल पर जाएँ: https://mahadbt.maharashtra.gov.in/
  2. किसान योजना > नई पंजीकरण चुनें
  3. आधार, मोबाइल, ईमेल व जमीन विवरण भरें
  4. लॉगिन कर योजना पेज से ‘भाऊसाहेब फुंडकर फलबाग लगवड योजना’ चुनें
  5. फसलें, क्षेत्रफल व दस्तावेज़ अपलोड करें
  6. ₹23.60 शुल्क ऑनलाइन भुगतान कर आवेदन सबमिट करें
  7. आवेदन आईडी नोट कर भविष्य में स्थिति ट्रैक करें

माइक्रो इरिगेशन योजना के लिए देखिए यह लिंक और वाटरशेड डेवलपमेंट योजना हेतु यहाँ क्लिक करें।

लाभ उठाने के सुझाव

  • उच्च मूल्य वाली फसलें जैसे अमरूद व अनार को अन्य फसलों के साथ मिलाकर लगाएँ
  • प्रमाणित नर्सरी से ही पौधे खरीदें
  • खेत डायरी, फोटो व GPS लॉग रखें
  • मिट्टी परीक्षण करवाकर उर्वरक योजना बनाएं
  • रोपाई के बाद ड्रिप इरिगेशन का प्रयोग करें

🔗संबंधित योजनाएँ

📝निष्कर्ष

भाऊसाहेब फुंडकर फलबाग लगवड योजना से आप न्यूनतम निवेश पर उच्च उपज वाले स्थायी फलों का बाग स्थापित कर सकते हैं। योजना की शर्तों का पालन करें, दस्तावेज़ समय पर अपलोड करें और आवेदन समय से करें ताकि सब्सिडी के सभी लाभों का लाभ उठा सकें।

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