📌 परिचय
आज के समय में डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) सिर्फ़ एक विकल्प नहीं, बल्कि हर नागरिक के लिए ज़रूरी बन गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) की शुरुआत की है।
इस योजना का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के 6 करोड़ लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना और लगभग 40% ग्रामीण परिवारों तक इसकी पहुँच सुनिश्चित करना। इसके तहत हर पात्र परिवार से एक सदस्य (14 से 60 वर्ष की आयु) को डिजिटल ट्रेनिंग दी जाती है।
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🎯 पीएमजीदिशा अभियान का उद्देश्य
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान का मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण नागरिकों को डिजिटल दुनिया से जोड़ना।
- ✔️ ग्रामीण नागरिकों को कंप्यूटर और स्मार्टफोन का ज्ञान देना
- ✔️ उन्हें सरकारी सेवाओं तक ऑनलाइन पहुँच उपलब्ध कराना
- ✔️ डिजिटल भुगतान (Digital Payments) को बढ़ावा देना
- ✔️ महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, दिव्यांग और अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता देकर समावेशी विकास करना
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🏡 कौन-कौन लाभ ले सकता है? (पात्रता)
इस योजना का लाभ हर कोई नहीं ले सकता। इसके लिए कुछ पात्रता नियम बनाए गए हैं।
- 👨👩👧 लक्षित समूह: केवल उसी घर का एक सदस्य पात्र होगा जहाँ कोई भी डिजिटल साक्षर न हो।
- 👩🦱 आयु सीमा: 14 से 60 वर्ष के लोग।
- 📱 प्राथमिकता समूह:
- जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है
- अंत्योदय परिवार
- कॉलेज छोड़ चुके छात्र
- वयस्क शिक्षा मिशन से जुड़े लोग
- कक्षा 9 से 12 तक के छात्र (जहाँ ICT लैब उपलब्ध न हो)
- 🙌 विशेष प्राथमिकता दी जाएगी:
- अनुसूचित जाति (SC) / अनुसूचित जनजाति (ST)
- बीपीएल परिवार
- महिलाएँ
- दिव्यांगजन
- अल्पसंख्यक समुदाय
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🚫 कौन लाभ नहीं ले सकता?
- ❌ शहरी क्षेत्रों के पंचायत
- ❌ ऐसे परिवार जिनमें पहले से कोई डिजिटल साक्षर हो
- ❌ योजना के दिशा-निर्देशों में दिए गए नगरों की सूची में आने वाले क्षेत्र
🎁 योजना के फायदे
PMGDISHA ग्रामीण नागरिकों के जीवन में बड़े बदलाव लाती है।
- 💻 डिजिटल डिवाइस का ज्ञान – कंप्यूटर, टैबलेट और स्मार्टफोन चलाना
- 📧 ई-मेल और इंटरनेट – ईमेल भेजना, इंटरनेट चलाना और जानकारी खोजने की सुविधा
- 🏛️ सरकारी सेवाएँ ऑनलाइन – जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, पैन कार्ड जैसी सेवाएँ
- 💳 डिजिटल पेमेंट – UPI, AEPS, ई-वॉलेट, कार्ड और PoS मशीन से कैशलेस भुगतान
- 📂 डिजिटल लॉकर – ज़रूरी दस्तावेज़ सुरक्षित रखना
- 🎫 ऑनलाइन सेवाएँ – ट्रेन टिकट बुकिंग, बिजली बिल भरना, पासपोर्ट बनवाना, मोबाइल रिचार्ज करना
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🏫 प्रशिक्षण की जानकारी
PMGDISHA का प्रशिक्षण बिल्कुल सरल और व्यावहारिक है।
- ⏳ कोर्स अवधि: 20 घंटे
- 🗓️ समय सीमा: कम से कम 10 दिन – अधिकतम 30 दिन
📚 कोर्स मॉड्यूल:
- डिजिटल उपकरणों का परिचय
- डिजिटल उपकरणों का संचालन
- इंटरनेट का परिचय
- इंटरनेट से संवाद करना
- इंटरनेट एप्लीकेशन (सरकारी सेवाएँ और डिजिटल भुगतान)
🎓 प्रशिक्षण से मिलने वाले कौशल:
- 📲 डिजिटल उपकरणों की समझ
- 🌍 सुरक्षित इंटरनेट उपयोग
- 💬 ऑनलाइन संवाद करने की क्षमता
- 💸 कैशलेस ट्रांज़ैक्शन करना
- 📂 डिजिटल लॉकर का उपयोग
- 🏛️ ऑनलाइन सरकारी सेवाओं तक पहुँचना
🏢 प्रशिक्षण केंद्र कैसे काम करते हैं?
- 🏫 हर ज़िले, ब्लॉक और ग्राम पंचायत में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाते हैं।
- 📱 मोबाइल ऐप के ज़रिए सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।
- 🎥 निरक्षर लोगों के लिए ऑडियो-वीडियो आधारित प्रशिक्षण।
- 📘 सामग्री 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेज़ी में उपलब्ध।
📝 आवेदन प्रक्रिया
PMGDISHA में आवेदन की प्रक्रिया सरल है।
📍 चरण 1 – लाभार्थियों की पहचान
CSC-SPV, DeGS, ग्राम पंचायत और BDO मिलकर लाभार्थियों की सूची बनाते हैं।
📍 चरण 2 – नामांकन
- निकटतम PMGDISHA प्रशिक्षण केंद्र पर नामांकन
- आधार कार्ड अनिवार्य
- हर उम्मीदवार को यूज़रनेम और पासवर्ड दिया जाता है
📍 चरण 3 – प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र
- 20 घंटे की ट्रेनिंग
- ऑनलाइन परीक्षा
- पास होने पर डिजिटल साक्षरता प्रमाणपत्र
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📑 ज़रूरी दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- आयु / जन्मतिथि प्रमाण
💰 प्रशिक्षण शुल्क
लाभार्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
👉 सरकार सीधे प्रशिक्षण केंद्रों को ₹300 प्रति उम्मीदवार देती है।
👥 प्रशिक्षण साझेदार की भूमिका
- ✅ प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना
- ✅ पाठ्यक्रम का पालन करना
- ✅ निगरानी और रिपोर्टिंग करना
- ✅ प्रक्रिया का रिकॉर्ड रखना
साझेदारों को 1 वर्ष के लिए मान्यता दी जाती है जिसे प्रदर्शन के आधार पर बढ़ाया जा सकता है।
📊 लक्ष्य और कवरेज
- 🎯 हर ग्राम पंचायत में 200-300 लोगों को प्रशिक्षित करना
- 🎯 प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के गाँवों को प्राथमिकता
- 🎯 6 करोड़ नागरिकों को डिजिटल साक्षर बनाना
🌟 निष्कर्ष
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA) डिजिटल इंडिया मिशन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सिर्फ़ लोगों को कंप्यूटर या मोबाइल चलाना नहीं सिखाता, बल्कि उन्हें डिजिटल नागरिक बनाता है।
इससे ग्रामीण लोग न केवल सरकारी सेवाएँ ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि डिजिटल भुगतान, दस्तावेज़ सुरक्षित रखने और रोज़गार के अवसर बढ़ाने में भी सक्षम होते हैं।
👉 यही कारण है कि PMGDISHA भारत को डिजिटल भारत बनाने की दिशा में एक मज़बूत कदम है।
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