परिचय
भारत में मत्स्य व्यवसाय ग्रामीण और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों की आजीविका का मुख्य आधार है। इस क्षेत्र में रोजगार सृजन, पोषण सुरक्षा की गारंटी तथा विदेशी मुद्रा आय बढ़ाने की अपार क्षमता है। इसी पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने मत्स्य व्यवसाय के सतत और संतुलित विकास के लिए “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana – PMMSY)” की शुरुआत की है।
यह योजना मत्स्य क्षेत्र में ब्लू रिवॉल्यूशन (Blue Revolution) लाने में बेहद महत्वपूर्ण सिद्ध हो रही है। लगभग ₹20,050 करोड़ के निवेश के साथ लागू की गई इस योजना का उद्देश्य मत्स्य उत्पादन को बढ़ाना, आधुनिक तकनीक का उपयोग कर गुणवत्ता सुधार करना तथा मत्स्य व्यवसाय से जुड़े किसानों, मछुआरों और उद्यमियों की आय को दोगुना करना है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की मुख्य विशेषताएँ
- योजना का कुल निवेश – ₹20,050 करोड़ (2020-21 से 2024-25 तक)।
- सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू।
- वर्ष 2023-24 के बजट में अतिरिक्त ₹6,000 करोड़ का प्रावधान।
- मछुआरों, मछली विक्रेताओं, सूक्ष्म और लघु उद्यमों को सीधा लाभ।
- आधुनिक मत्स्य ढाँचे, निर्यात और रोजगार पर विशेष फोकस।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के उद्देश्य
- मत्स्य क्षेत्र की क्षमता का सतत और जिम्मेदार उपयोग।
- मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि।
- वैल्यू चेन (Value Chain) और गुणवत्ता सुधार।
- मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय दोगुनी करना।
- कृषि GVA और निर्यात में मत्स्य क्षेत्र का योगदान बढ़ाना।
- मत्स्य किसानों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देना।
- मजबूत प्रबंधन और नियामक ढाँचा तैयार करना।
लक्ष्य (Targets of PMMSY)
1. उत्पादन और खपत
- 2018-19 में 13.75 मिलियन टन से बढ़ाकर 2024-25 तक 22 मिलियन टन उत्पादन।
- जलीय कृषि उत्पादकता 3 टन/हेक्टेयर से बढ़ाकर 5 टन/हेक्टेयर।
- मछली की घरेलू खपत 5 किग्रा/व्यक्ति से बढ़ाकर 12 किग्रा/व्यक्ति।
2. आर्थिक योगदान
- कृषि GVA में मत्स्य क्षेत्र का योगदान 7.28% से बढ़ाकर 9%।
- मत्स्य निर्यात आय ₹46,589 करोड़ (2018-19) से दोगुना करके ₹1,00,000 करोड़।
- पोस्ट हार्वेस्ट लॉस 20-25% से घटाकर 10%।
3. आय और रोजगार
- 55 लाख रोजगार अवसर सृजन।
- मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय दोगुनी करना।
योजना के लाभ (Benefits)
- मत्स्य ढाँचे का विकास – फिशिंग हार्बर, फिश मार्केट, प्रोसेसिंग यूनिट।
- मत्स्य किसानों को वित्तीय सहायता – तालाब, हैचरी, केज कल्चर, नर्सरी निर्माण।
- क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी – मछली पालन को व्यवसाय बनाने हेतु प्रोत्साहन।
- मार्केटिंग और निर्यात सहायता – कोल्ड चेन, पैकेजिंग, एक्सपोर्ट सुविधाएँ।
- वैज्ञानिक प्रबंधन – डेटा बेस, सूचना प्रणाली, फिशरी मैनेजमेंट।
पात्रता (Eligibility)
- मछुआरे और मत्स्य किसान
- मछली विक्रेता और श्रमिक
- स्वयं सहायता समूह (SHGs), JLGs
- मत्स्य सहकारी समितियाँ और फेडरेशन
- निजी उद्यमी और कंपनियाँ
- अनुसूचित जाति/जनजाति, महिलाएँ और दिव्यांग
- राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियाँ
आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
1. केंद्रीय प्रायोजित योजना (CSS)
- लाभार्थी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) जिला मत्स्य अधिकारी को जमा करें।
2. केंद्रीय क्षेत्र योजना (CS)
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के केंद्रीय क्षेत्रक योजना (Central Sector Scheme) घटक से संबंधित परियोजना प्रस्ताव निम्न पते पर भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग को प्रस्तुत किए जाने चाहिए:
सचिव
मत्स्य पालन विभाग
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
भारत सरकार
कक्ष संख्या-221, कृषि भवन
नई दिल्ली – 110 001
ईमेल: secy-fisheries@gov.in
👉 विस्तृत जानकारी और गाइडेंस के लिए अपने जिले के मत्स्य अधिकारी से संपर्क करें।
आवश्यक दस्तावेज़ (Documents Required)
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- बिज़नेस पंजीकरण प्रमाणपत्र
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट
- भूमि से संबंधित दस्तावेज़ (लीज़/मालिकाना/एनओसी)
- साझेदारी डीड / MOA
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना क्या है?
👉 प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) एक छत्र योजना (Umbrella Scheme) है, जिसके अंतर्गत दो मुख्य घटक आते हैं:
- Central Sector Scheme (CS)
- Centrally Sponsored Scheme (CSS)
Centrally Sponsored Scheme (CSS) को आगे दो हिस्सों में बाँटा गया है –
- Non-Beneficiary Oriented
- Beneficiary Oriented
इन दोनों के अंतर्गत तीन प्रमुख क्षेत्र शामिल किए गए हैं:
मत्स्य प्रबंधन और विनियामक ढाँचा
उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि
अवसंरचना और पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन
Q. PMMSY योजना की अवधि क्या है?
👉 ह योजना पूरे भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू की जा रही है। इसकी अवधि 5 वर्ष (2020-21 से 2024-25 तक) तय की गई है।
Q. Central Sector Scheme (CS) के लिए फंडिंग पैटर्न क्या है?
👉 सम्पूर्ण परियोजना/यूनिट लागत केंद्र सरकार द्वारा 100% वहन की जाएगी।
यदि प्रत्यक्ष लाभार्थी उन्मुख गतिविधियाँ (individual/group) केंद्रीय संस्थाओं या National Fisheries Development Board (NFDB) द्वारा चलाई जाती हैं, तो:
SC/ST/महिला श्रेणी: परियोजना लागत का 60%
सामान्य श्रेणी: परियोजना लागत का 40%
Q. Non-Beneficiary Oriented CSS के लिए फंडिंग पैटर्न क्या है?
👉 इस श्रेणी के अंतर्गत परियोजना लागत केंद्र और राज्य सरकार के बीच साझा की जाती है:
केंद्रशासित प्रदेश (UTs): 100% केंद्र सरकार
उत्तर-पूर्वी एवं हिमालयी राज्य: 90% केंद्र + 10% राज्य
अन्य राज्य: 60% केंद्र + 40% राज्य
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) भारत के मत्स्य क्षेत्र को नई दिशा देने वाली योजना है। यह योजना न केवल मछली उत्पादन और निर्यात बढ़ाएगी बल्कि लाखों लोगों को रोजगार और किसानों को स्थायी आय भी सुनिश्चित करेगी।
👉 मछुआरों और किसानों के लिए अन्य योजनाएँ भी देखें:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना
- कक्षा 1 से 7 और कक्षा 8 से 10 तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए शैक्षिक सहायता योजना
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